It is difficult to digest but look it this way, this rectangular box is there in your home since decades, it has seen relationships and food habits. It has change places from drawing room to kitchen. How physical spaces indicate the changes of a transitional society is a interesting study. Well… a well received series from Ravish of NDTV fame is doing precisely so. Three parts of the well articulated piece is really interesting.
In first part with title hamare ghar mein fridge aaya haiफ्रिज़ हमारी आबरू का हिस्सा बन गया । और भी घरों में मैंने देखा है फ्रिज़ के दरवाज़े के खुलने की दिशा को लेकर काफी मंत्रणा होती है । सब ध्यान रखते हैं कि मेहमान यह न देख लें कि फ्रिज़ में क्या रखा है
Second in series was har fridge kuchh kehta hai -2 explores the changing face of urban India, through fridge.अब फ्रिज़ को देखता हूं तो लगता है कि कितना बदल गया है । फ्रिज़ नहीं, मेरा जीवन । भागती ज़िंदगी के कारण अब छोटे फ्रिज़ की जगह बड़ा और उससे भी बड़ा फ्रिज़ खरीदा जाने लगा है । दुकानदार भी छोटे फ्रिज़ के लिए उत्साहित नहीं करता । कहता आपका दिन बदलेगा । दिल्ली में तीन घंटा बस या कार में चलेंगे तो घर आकर कैसे बनायेंगे । सब्ज़ी खरीदने का टाइम नहीं होता । इसलिए बड़ा फ्रिज़ लीजिए ताकि स्टोर कर सकें । फ्रिज़ स्टोर है...
Latest in the series is har fridge kuchh kehta hai -3 goes on to see qualitative components of society through again…fridge.फ्रिज़ सामाजिक बुराइयों का भी हिस्सा बना । दहेज में फ्रिज़ की मांग अनिवार्य हो गई । देखिये मेरे बेटे को फ्रिज़ भी मिला है । पड़ोस की एक चाची ने कहा था । बहुत खुश थी । फिर वही चाची कई दिनों तक योजना बनाती रहीं कि जब लिये हैं तो देना भी होगा
Series is a must read…puts the best foot (of hindi blogging) forward. Happy Blogging
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