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गूगल पेजरेंक वगैरह से अब हम थोड़ा बहुत परिचित हुए हैं लगता है कि पुराने शब्‍दशिल्‍प को मिटा देने का फैसला निरी मूर्खता थी। तब हम बहुत समय से थे और पहले से होने का लाभ तो खैर मिलता ही। पर चलो कोई नहीं। अब इस ब्‍लाग पर भी कुछ पोस्‍ट की जाएंगी। पूरी योजना तो खैर अभी बनाई ही जा रही है।

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1 comments

  1. ePandit  

    9:44 AM

    स्वागत है आए, अब लिखना शुरु करो न।