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Serious stuff can never be too far from Hindi Blogging especially since bloggers like Riyaz are around. Today Riyaz in his hashiya brings a really heady article from Ranganayakamma. In this article the writer attempts to refute the charge on marxian ideology that marx is not capable of addressing the caste issue, as Carl Marx didn't dvelve on it.

Article is definitely too theoretical to be fit for blogging expression, take this quote for example

यह तथ्य कि किसी समाज की आबादी का कुछ हिस्सा बिना श्रम किये हुए जी रहा है, यह बताता है कि आबादी का बचा हुआ हिस्सा सारा श्रम ( अपने हिस्से के श्रम के अलावा उनके हिस्से का श्रम भी जो बिना श्रम कियेजी रहे हैं-अनुवादक) कर रहा है. यही वह चीज है जो चाहे भारत में हो या किसी भी दूसरे देश में, हो रही है. यह तथ्य कि भारत की ऊंची जातियां बिना शारीरिक श्रम और अस्वच्छ श्रम किये जी रही हैं, यह बताता है कि वे इसका बोझ नीची जातियों पर डाल रही हैं.

Still help to bridge the inadequacy of blogging So a welcome step from Riyaz. Here is the article from Ranganayakamma.

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